The Ultimate Guide To पारद शिवलिंग online

- तीर्थ जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।

लिंगकोटिसहस्त्रस्य यत्फलं संम्यगर्चनात्।

अर्थात मिट्टी अथवा पत्थर के शिवलिंग के पुजन करके करोड़ों गुणाअधिक फल स्वर्ण निर्मित शिवलिंग के पुजन से मिलता है स्वर्ण से करोंड़ो गुना अधिक फल मणि और मणि से करोड़ो गुणा अधिक फल बाल लिंग नर्मदेश्वर के पूजन से प्राप्त होता है तथा नर्मदेश्वर बाललिंग से भी करोड़ो गुणा अधिक फल पारद शिवलिंग के पूजन या दर्शन से ही प्राप्त हो जाता है।

पारद शिवलिंग और स्फटिक शिवलिंग की स्थापना

ईश्वरीय कृपा: पारद शिवलिंग की तरह, स्फटिक शिवलिंग की पूजा भी भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक प्रभावी माध्यम है, जिससे जीवन में सफलता प्राप्त होती है।

पारद शिवलिंग की साफ़ सफाई करके पूजा करनी चाहिए।

असली पारद शिवलिंग की पहचान करना सबसे मुश्किल काम है यह एक ऐसा  प्रश्न है जो सबसे ज्यादा  पूछा जाता है। अगर हम इधर उधर की बात न करे तो असली पारद शिवलिंग को पहचान पाना बहुत ही मुश्किल है।  क्यों कि असली और नकली दिखने में एक जैसे होते है इनमे कोई फर्क नहीं होता।  असली या नकली पारद शिवलिंग  बेचना दुकानदार के ऊपर निर्भर करता है।  लेकिन अगर आप फिर भी  जांचना चाहे तो आप उसकी फिनिशिंग से देख सकते है कि वो असली है या नकली। एक बात ध्यान रखियेगा  कि असली और नकली दोनों ही तरह के पारद शिवलिंग हाथ पर घिसने से कालिख  छोड़ते है। और ये बात बिलकुल झूठ है कि यह पानी से भीगने के बाद धूप में रख देने से शुद्ध सोने की तरह चमकने लगता है ।  पारा कभी भी सोने की तरह नहीं लगता है।  ये बस एक ट्रिक है।  

दोनों ही शिवलिंग अपने आप में महत्वपूर्ण और पूजनीय हैं। पारद शिवलिंग को भगवान शिव का साक्षात् स्वरूप माना जाता है, जबकि स्फटिक शिवलिंग को स्वयंभू रूप माना जाता है। पारद शिवलिंग नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और ग्रह दोषों को कम करने read more में सहायक माना जाता है, वहीं स्फटिक शिवलिंग मन को शांत करने और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने में सहायक होता है। आप अपनी आवश्यकताओं और पूजा पद्धति के अनुसार इनमें से किसी एक शिवलिंग को चुन सकते हैं।

साथ ही आपको हाथ में चावल और फूल लेकर माता पार्वती का ध्यान करना चाहिए और चावल को शिवलिंग पर चढ़ा देना चाहिए।

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तत्क्षणद्विलयं यान्ति रसलिंगस्सय दर्शनात्।

स्फटिक शिवलिंग की उपस्थिति से घर में शांति और समृद्धि का वास होता है।

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पारद भगवान शिव की प्रिय धातु है और यह पारे और चांदी से निर्मित है। पारे को विशेष प्रक्रियाओं द्वारा शुद्ध कर के ठोस आकार दिया जाता है। यह बहुत जटिल प्रक्रिया है, क्योंकि पारे से कोई ठोस पदार्थ बनाना बहुत मुश्किल है। पारद शिवलिंग में स्वयं भगवान शिव का वास है और जहां पारद शिवलिंग होता है वहां भगवान शिव साक्षात विराजमान रहते हैं।

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